काग़ज़
कि कहूं अगर चांद से भी, कि दो लफ्ज़ लिखे तारीफ में तेरी, मानो मेरी, रह जाएगा वो कागज खाली, क्यूंकि लफ्जो में तेरा बयां है ही नहीं। dark_anki Continue reading काग़ज़
कि कहूं अगर चांद से भी, कि दो लफ्ज़ लिखे तारीफ में तेरी, मानो मेरी, रह जाएगा वो कागज खाली, क्यूंकि लफ्जो में तेरा बयां है ही नहीं। dark_anki Continue reading काग़ज़
मेरे इन लबों की आजमाइश है, छू लूं तेरे लबों को, बस यही ख्वाहिश है। dark_anki Continue reading आजमाइश!
ए वक़्त रुक जा कुछ ओर वक़्त के लिए, अभी तो हमने जीना सीखा है। कह सके सीना तान! कि हमने भी, ज़माने को करीब से देखा है। dark_anki Continue reading वक़्त
Never hide your mistake behind the back, wore them as an armor. dark_anki Continue reading Armor
गुमान न कर तू अपने पत्थर दिल होने पे, कलम के आगे दर्द भी झुकता है। dark_anki Continue reading दर्द
ए मेरे गुजरे हुए वक़्त, तुझे आज भी याद करता हूँ, एक पल हंस देता हूँ, और अगले पल संग बिताए उन, लम्हो के लिए रो भी लेता हूँ! ए मेरे गुजरे वक़्त मैं, आज भी तुझे याद करता हूँ। dark_anki Continue reading गुजरे हुए वक़्त!
उम्मीद झुके दरख़्त सी, हिम्मत हो ऊंचे शिखर सी, वक़्त फिसलता रेत है, ढह रही जिंदगी नीर सी! dark_anki Continue reading ढह रही!