काग़ज़

कि कहूं अगर चांद से भी, कि दो लफ्ज़ लिखे तारीफ में तेरी, मानो मेरी, रह जाएगा वो कागज खाली, क्यूंकि लफ्जो में तेरा बयां है ही नहीं। dark_anki Continue reading काग़ज़