पहचान तेरी!
रेत की मुठी उठा हाथ मे कभी, बस यही पहचान है तेरी। dark_anki Continue reading पहचान तेरी!
रेत की मुठी उठा हाथ मे कभी, बस यही पहचान है तेरी। dark_anki Continue reading पहचान तेरी!
ईशक़ ये, कागज़ नही, जो पानी में गल जाए! कश्ती है ये वो, कि समंदर भी तर जाए। dark_anki Continue reading समंदर
कुछ दियो का बुझ जाना जरूरी होता है, कुछ ख्वाहिशों का मिट जाना जरूरी होता है, वक़्त के साथ बदल जाते है लोग, कभी कभी बदल जाना भी जरूरी होता है dark_anki Continue reading जरूरी
कैसे कहूँ! इन घुटते लम्हों से, कि तेरे बिन, मुझे ये भी मंजूर नहीं। dark_anki Continue reading मंजूर नहीं!
वो छोटी सी बात, यूं बढ़ चढ़ जाती है, जब बात यूं तेरी होती है! dark_anki Continue reading बात
उम्मीदों की बरसात में, नजरें धुंधली पड़ गयी थी, वक़्त ने भी तकल्लुफ़ से शीशा दिखाया है! dark_anki Continue reading शीशा !
You better hate me rather than showing the love exist only in light. dark_anki Continue reading Hate me!