दिल हाथों में लिए!
आज मै ठहरूंगा ! खड़ा रहूंगा सहने के लिए, तेरी वो छलनी बातें, जब तक इस दिल में, ताक़त है छलनी होने के लिए! पर है प्रिये इस बात का, ध्यान जरूर रखना की कहीं, दर्द के बहने के साथ साथ, नयनो के इस नीर के बहाव के साथ, कहीं बह न जाए, हमारा साथ! … Continue reading दिल हाथों में लिए!