तेरे बिन

तू जाने या न जाने, पर जब दूर तुझ से होता हूँ, अकसर उन्ही पलो को, याद कर हंसता हूँ, कि कैसे लड़ते है हम! दूर भी होते हैं, मन में ख्वाहिश लिए, की बस खींच ले मुझे, तू अपनी बाहों में, और कहे, कि तेरे बिन मेरा क्या! dark_anki Continue reading तेरे बिन

सजा

न पकड़ कर बैठ उस मोड़ को, जिस पर, रास्ता बदल लिया था कभी उसने, ये मोड़ तो यही रहेगा, और वो भी कभी न लौटेगा! माफ कर दे तू अब उस, जाने वाले की ख़ता को, तू नही उसकी जिंदगी में अब यही है उसकी सजा। dark_anki Continue reading सजा

फासला

दो कदम चलने पर खुश न हो, ए राही, अभी तो मीलो का फासला है। दो कंधों पे उठाया है भार, तो क्या हुआ, कल ये चार कंधो का मामला है। dark_anki Continue reading फासला

Distraction

This one was a quote of my last speech in Jawahar Navodaya Vidyalaya Bilaspur, my alma mater. Quite a few years ago. In my 12th standard we read a poem in our textbook about beautiful things. But they didn’t beware us of one thing. That was distraction. Never got distracted too long. As it says, … Continue reading Distraction