तेरे बिन
तू जाने या न जाने, पर जब दूर तुझ से होता हूँ, अकसर उन्ही पलो को, याद कर हंसता हूँ, कि कैसे लड़ते है हम! दूर भी होते हैं, मन में ख्वाहिश लिए, की बस खींच ले मुझे, तू अपनी बाहों में, और कहे, कि तेरे बिन मेरा क्या! dark_anki Continue reading तेरे बिन