खुद की ही तलाश..।
एक अपना ही जहां उसका, खुश रहता था जिसमे हर समा, एहसास हुआ कि, हक़ीक़त नही वो, फिर भी राह ताके इंतेज़ार करता रहा..! मंज़र वो देख खुदा का दिल न पिघला, खुद में ही टूट गया उसका बाशिंदा..! टूटी वो आखिरी उम्मीद जो उपर वाले से था लगा बैठा, पंख टूट गए फिर भी … Continue reading खुद की ही तलाश..।