आखिर क्यों?
क्यों तुझ से लड़ने पर, मैं खुद से लड़ जाता हूँ, क्यों तुझे दर्द देने से पहले, मैं खुद उस दर्द से गुजरता हूँ, तू मुझे मनाए, मुझ पे प्यार जताए, इस लिए, मैं तुझ से रूठ जाता हूँ, क्यों तेरी बातें ही काफी होती हैं, मेरे सीने को चीर जाने के लिए क्यों तेरे … Continue reading आखिर क्यों?