कि कहूं अगर चांद से भी,
कि दो लफ्ज़ लिखे तारीफ में तेरी,
मानो मेरी, रह जाएगा वो कागज खाली,
क्यूंकि लफ्जो में तेरा बयां है ही नहीं।
कि कहूं अगर चांद से भी,
कि दो लफ्ज़ लिखे तारीफ में तेरी,
मानो मेरी, रह जाएगा वो कागज खाली,
क्यूंकि लफ्जो में तेरा बयां है ही नहीं।
Thank you for being there Ankit!
I am quite stranded with my new blog!
Follow me. I have lost all my followers 😢
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