बिखर

आँसु कुछ यूं रोक लिए मैंने,

जो न रुके, चेहरे पे उतर आए,

आते ही भाप बन वो उड़ गए,

मेरे चेहरे के ताप से,

वो ताप जो बढ़ रहा है,

मेरे अंदर जल रही आग से,

आग जो जल रही, किस कारण से,

कारण है, समझ और विचार अपने,

डरता नहीं, मैं तेरे डराने से,

झुकता नहीं, मैं तेरे झुकाने से,

हाँ, बहक जाता हूँ, तेरे प्यार जताने से,

खिलना, झूमना, नाचना बस यही,

सब चलते हैं, भागते हैं, बह भावनाओ में,

दिखाता नही, जताता नहीं, यूँ पर,

हाँ, डूब जाता हूँ, तेरी यादों में,

जब होता नही पास तू मेरे,

रहता है हर पल यूँ तो दिल में मेरे,

सामने जब आए, रोक लेता हूं खुद को में,

फिर गिर जाने से, फिर टूट जाने से,

डर लगता है, तुझे फिर खोने से,

यूँ एक बार फिर बिखर जाने से।

dark_anki

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